शोभा की सुपारी बने सामुदायिक स्वच्छता परिसर, ताला के अंदर कैद
लाखों की लागत से कराया गया निर्माण क्रियान्वयन को लेकर नही दिया गया ध्यान ग्रामीणों को नहीं मिल रहा इसका लाभ
पिपरिया सहलावन ।। क्षेत्र की ग्रामपंचायतों में लगभग चार साल के अंदर बनवाये गये लाखों रुपए की लागत से बने सामुदायिक स्वच्छता परिसर इनके ही सही कियान्वयन की अनदेखी के चलते मात्र शोभा की सुपारी बने हुए देखने मिल रहे हैं, जो की इनमें हर समय ताला लगा रहने से ग्रामीण इनका उपयोग नहीं कर पाने से वंचित हैं,और आगे भी यही स्थिति रही तो ये बिना उपयोग के ही कबाड़ में तब्दील हो जायेंगे, और शासन के पैसे की बर्बादी होगी।यह स्थिति ग्रामपंचायत द्वारा क्षेत्र के पिपरिया सहलावन के बाजार स्थल में बने सामुदायिक स्वच्छता परिसर की कही जाये या फिर ग्रामपंचायत भटगवां में खेल मैदान के सामने लगभग चार साल पूर्व साढ़े तीन लाख की लागत से बने स्वच्छता परिसर की या फिर इसी ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम खिरवा तिराहे में बीते वर्ष तीन लाख की लागत से ग्रामपंचायत के द्वारा बनवाये गये नवनिर्मित सामुदायिक स्वच्छता परिसर की जिनमें की हर समय ताला लटका रहने से ये अनुपयोगी साबित होते हुए देखने मिल रहे हैं।
जबकि ऐसा नहीं की ये स्थिति इन्हीं ग्रामपंचायतों भर में बने सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की है, इनके अलावा विकासखंड की अधिकांश ग्रामपंचायतों में भी स्वच्छता की दृष्टि से बनवाये गये लाखों रूपये के इन सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की यही स्थिति है,जिसका कारण इनका निमार्ण कराने से पहले इसके संचालन की रूपरेखा का सही निर्धारण और इनके उपयोग व देखरेख को लेकर नियमित साफ-सफाई रखने की मंशा से स्थाई कर्मचारी को रखने के बजट व ब्यवसथा को ध्यान में न रखे जाने का कारण सामने आता है। अतः यदी इनको वर्तमान में चल रहे शादी-बारात के सीजन में ही यदि खोलकर रखने का कार्य किया जाये तब पर भी ये बाहर से आने वाले लोगों के लिए काफी सुविधाजनक साबित हो सकते हैं ,पर इसको लेकर भी ग्रामपंचायतों द्वारा कोई ब्यवसथा नहीं किये जाने से ये मात्र शोभा की सुपारी बने हुए प्रतीत हो रहे हैं। अतः इसको लेकर पिपरिया सहलावन निवासी कैलाश साहू, अंबिका विश्वकर्मा, मुकेश,कमलेश बर्मन सहित भटगवां के वार्ड नं 2 के पंच दिलराज सिंह,कमलेश बाई, रोशनीबाई सहित ग्रामवासियों ने संबंधित ग्रामपंचायत के सचिवों व सरपंच से ध्यान दिये जाने की बात कही है।
रिपोर्टर -मुकेश ब्यौहार, पिपरिया सहलावन।